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तीन मार्ग- ध्यानयोग,कर्मयोग,ज्ञानयोग || आचार्य प्रशांत, श्रीकृष्ण पर (2015)

2019-11-25 2 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२२ मार्च २०१५,<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय-१३ श्लोक-२४)<br />ध्यानेनात्मनि पश्यन्ति केचिदात्मानमात्मना ।<br />अन्ये सांख्येन योगेन कर्मयोगेन चापरे ||<br /><br />प्रसंग:<br />जीवन में योग का महत्व क्या है?<br />कृष्ण का दर्शन जीवन में कैसे उपलब्ध हो?<br />मुक्ति के तीन मार्ग क्या हैं?<br />क्या मुक्ति के लिए इन तीनो मार्ग से गुजरना आवशयक है?

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